Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4: क्या आप कक्षा 4 के लिए हिंदी में उत्तर सहित या बिना उत्तर के कुछ अपथित गद्यांश ढूंढ रहे हैं? मुद्रण योग्य वर्कशीट के साथ अभ्यास करने के लिए यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं। बाद में इसका उपयोग करने के लिए आप नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करके इस लेख को PDF के रूप में भी डाउनलोड कर सकते हैं।आशा है कि आप इसे पसंद करोगे।

New Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4 with Answer:

आज हम एक जादुई पिटारे में झाँकेंगे, जहाँ ऐसे ही अनसुने शब्दों से बनी कहानियाँ मिलेंगी. उन्हें पढ़ना और समझना ही “अपठित गद्यांश” का रोमांच है. तैयार हो जाओ, क्योंकि आज हम इसी रोमांचक सफर पर निकलेंगे! बिना किसी और चर्चा के शुरू करते हैं Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4

Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4:

एक छोटी चिड़िया थी गुल्ली. उसका घोंसला बड़े से पीपल के पेड़ पर बना था. हर रोज़ वह आसपास के खेतों में दाना चुगती और चहकती. एक दिन खुले मैदान में उसे गिरा हुआ चमकता पत्थर दिखा.

“वह क्या है?” उसने सोचा. वह करीब जाकर पत्थर को टोंका. वह किसी रत्न की तरह चमक रहा था. गुल्ली को लगा, यह कोई जादुई चीज़ है. उसने उसे अपनी चोंच में उठाया और उड़ चली.

गुल्ली ने सोचा, मैं इस जादुई पत्थर को अपने दोस्तों को दिखाऊंगी. वह खेतों और नदी पार करती हुई उड़ती गई. रास्ते में उसे दूसरे जंगलों के चिड़ियों के झुंड मिले. गुल्ली हर किसी को अपना जादुई पत्थर दिखाती और उसके बारे में सोचकर रोमांचित होती.

शाम होने तक गुल्ली अपने ही जंगल वापस आ गई. उसने दोस्तों को पत्थर दिखाया. सब चकित हो गए. उनके बीच हल्ला-गुल्ला हुआ. लेकिन तभी एक बूढ़ी चिड़िया बोली, “गुल्ली, यह कोई जादुई पत्थर नहीं है. ये तो हवाई जहाज का छोटा टुकड़ा है जो तूफान में टूट गया होगा.”

गुल्ली निराश हो गई. पर बूढ़ी चिड़िया ने हंसते हुए कहा, “गुल्ली, तूने आज इतनी दूरी तय की और नए-नए दोस्त बनाए. यह असली जादू है!”

प्रश्न:

  1. गुल्ली को खुले मैदान में क्या मिला?
  2. गुल्ली उसे क्यों जादुई समझ रही थी?
  3. उसने इसे किसे दिखाया?
  4. बूढ़ी चिड़िया ने क्या बताया?
  5. आखिर में गुल्ली ने क्या सीखा?

उत्तर:

  1. गल्ली को एक चमकता हुआ पत्थर मिला.
  2. वह चमक रहा था इसलिए और क्योंकि गुल ने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था.
  3. उसने इसे रास्ते में मिले दूसरे जंगलों के चिड़ियों के झुंड को दिखाया.
  4. उसने बताया कि वह पत्थर हवाई जहाज का एक टुकड़ा है.
  5. गुल्ली ने सीखा कि असली जादू नई जगहों की खोज और नए दोस्त बनाने में होता है.

2. Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4:

रानी नाम की चिड़िया छोटे बीजों से अपना बड़ा सा घोंसला बना रही थी. अचानक चंचल बंदर टुन्नू झूमता हुआ पास आया, “क्या कर रही हो रानी?” रानी बोली, “घोंसला बना रही हूँ, जल्दी पूरा करना है.” टुन्नू ने हँसते हुए कहा, “छोटे बीजों से क्या होगा? मैं तो खूबसूरत पत्ते लाता हूँ, तेरा घोंसला सबसे सुंदर होगा!” रानी खुश हुई और टुन्नू के पत्ते ले लिए. लेकिन हवा चलने पर सारे पत्ते उड़ गए. रानी उदास हो गई.

टुन्नू ने समझाया, “मेहनत और धैर्य से बनाया घोंसला ही मजबूत होता है.” तब रानी ने फिर बीजों से अपना घोंसला बनाना शुरू किया. कुछ दिनों में ही मजबूत और टिकाऊ घोंसला बनकर तैयार हो गया. टुन्नू देखकर खुश हुआ, “देखा न रानी, छोटी-छोटी मेहनत बड़े काम करती है!”

प्रश्न:

  1. रानी क्या बना रही थी?
  2. बंदर टुन्नू ने रानी को क्या लाकर दिया?
  3. हवा चलने पर क्या हुआ?
  4. टुन्नू ने रानी को क्या समझाया?
  5. आखिर में रानी का घोंसला कैसा हो गया?

उत्तर:

  1. रानी अपना घोंसला बना रही थी.
  2. बंदर टुन्नू ने रानी को सुंदर पत्ते लाकर दिए.
  3. हवा चलने पर सारे पत्ते उड़ गए.
  4. टुन्नू ने रानी को मेहनत और धैर्य से घोंसला बनाने के बारे में समझाया.
  5. आखिर में रानी का घोंसला छोटे बीजों से बना, मजबूत और टिकाऊ हो गया.

3. Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4:

एक नन्ही चिड़िया चिचू पेड़ की डाल पर मस्ती से झूम रही थी. तभी भुनभुनाते हुए मधुकर आकर बोला, “तुम इतनी खुश क्यों हो चिचू?” चिचू हँसते हुए बोली, “मैं दुनिया के सबसे मीठे फूलों का रस पीने जा रही हूँ!” मधुकर ने पूछा, “कहाँ हैं वे फूल?” चिचू ने बताया, “पहाड़ की चोटी पर, घने जंगल के बीच में.” मधुकर चिंता से बोला, “वहाँ जाना तो खतरनाक है!” चिचू हँसी, “नहीं, मैं तो बहादुर हूँ!” और पहाड़ की ओर उड़ गई.

चिचू ने लंबी उड़ान भरी, नुकीले कांटों से बची, तेज हवाओं का सामना किया और आखिरकार वो मीठे फूलों तक पहुँच गई. उसने फूलों का रस पीया और खुशी से गीत गाया. थोड़ी देर बाद सूरज ढलने लगा, चिचू घबराई. वापस जाने का रास्ता नजर नहीं आया. तभी मधुकर वहाँ भुनभुनाता हुआ आ पहुँचा. उसने चिचू को गाइड किया और जंगल पार करते हुए सुरक्षित घर तक पहुँचाया.

घर पहुँचकर चिचू ने कहा, “तुम बड़े अच्छे हो मधुकर, मेरी मदद की.” मधुकर बोला, “हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, इससे ज़िंदगी आसान हो जाती है.” चिचू हँसते हुए बोली, “हाँ, बिल्कुल सही!” और दोनों खुश होकर सो गए.

प्रश्न:

  1. चिचू किस काम के लिए जा रही थी?
  2. मधुकर चिचू को क्यों रोकना चाहता था?
  3. रास्ते में चिचू का सामना किन मुश्किलों से हुआ?
  4. आखिर में चिचू कैसे घर पहुँची?
  5. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर:

  1. चिचू दुनिया के सबसे मीठे फूलों का रस पीने जा रही थी.
  2. मधुकर चिचू को पहाड़ पर जाने से रोकना चाहता था क्योंकि रास्ता खतरनाक था.
  3. रास्ते में चिचू को नुकीले कांटों, तेज हवाओं और वापसी का रास्ता न मिलने जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
  4. मधुकर ने चिचू को गाइड किया और सुरक्षित घर तक पहुँचाया.
  5. इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, इससे ज़िंदगी आसान हो जाती है.

4. Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4:

टिमटिम एक नन्ही मोमबत्ती थी. वो रोज रात को घर को रोशन करती, पर दिन में जार के अंदर बंदी रहती. उसे सूरज की किरणें छूने, हवा में झूमने का मन होता. एक रात, हवा का एक झोंका जार खोल गया. टिमटिम खुशी से बाहर निकली, रात का आसमान देखकर चकित हो गई. हवा ने उसे उठा लिया और टिमटिम पेड़ों के बीच नदी के किनारे पहुँच गई.

नदी में चांदनी चमक रही थी, पक्षी सो रहे थे, फूल महक रहे थे. टिमटिम ने खुशी से झिलमिलाया. एक तितली आई और बोली, “कौन हो तुम नन्हें प्रकाश?” टिमटिम ने बताया, “मैं टिमटिम, एक जिज्ञासु मोमबत्ती.” तितली ने हँसते हुए कहा, “हम सारा जहान घूमते हैं, आओ साथ चलो!” और वे रातभर तारों के नीचे उड़ते रहे.

सुबह को तितली सो गई, टिमटिम को अकेलापन लगा. तभी एक मछली बोली, “मुझे पानी में रोशनी चाहिए, क्या तुम मेरी साथी बनोगी?” टिमटिम खुशी से पानी में तैरने लगी, नदी के रहस्यों को देखा. फिर तेज धूप निकली, टिमटिम जलने लगी. वो जानती थी, उसका समय अब पूरा हो रहा है.

आखिर में जलकर बुझने से पहले, टिमटिम ने मुस्कुराया. उसने इतनी खूबसूरत दुनिया देखी थी, दोस्त बनाए थे. सूरज उगने से पहले, टिमटिम की रोशनी बुझ गई, लेकिन उसकी खुशी नदी में, हवा में, तितली के गीत में बनी रही.

प्रश्न:

  1. टिमटिम दिन में क्यों कैद रहती थी?
  2. उसे बाहर निकलने का मौका कब मिला?
  3. नदी किनारे टिमटिम ने क्या अनुभव किए?
  4. सुबह होने पर टिमटिम को कैसा लगा?
  5. अपने छोटे जीवन में टिमटिम ने क्या सीखा?

उत्तर:

  1. टिमटिम दिन में जार के अंदर बंद रहती थी.
  2. हवा के एक झोंके ने जार खोल दिया, जिससे टिमटिम बाहर निकल पाई.
  3. नदी किनारे उसने चांदनी का नजारा लिया, पक्षियों के संग सोई, फूलों की खुशबू महसूसी और तितली के साथ उड़ी.
  4. सुबह होने पर टिमटिम को धूप से जलने का डर लगा और अकेलापन महसूस हुआ.
  5. अपने छोटे जीवन में टिमटिम ने सीखा कि जिज्ञासा और साहस से ही दुनिया देखी जा सकती है और छोटे से जीवन में भी खूबसूरत अनुभव और दोस्ती बने रहते हैं.


5. Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4:

राजू एक छोटा लड़का था. उसे रंग बहुत पसंद थे, पर उसके पास सिर्फ एक नीला क्रेयॉन था. एक दिन, बूढ़ी दादी ने उसे एक जादुई ब्रश दिया. ये ब्रश हवा में घूमता हुआ रंग बनाता था! राजू बहुत खुश हुआ.

वह बाहर भागा और हवा में ब्रश घुमाया. लाल गुलाब खिल गए, पीले सूरज चमकने लगे, हरे घास के मैदान बन गए. पेड़ों पर नीले फल और बैंगनी पक्षी दिखाई दिए. राजू की दुनिया रंगों से भर गई!

उसने उड़ते हवाई जहाज, नाचते इंद्रधनुष और बात करते जानवर बनाए. हर कोई राजू के जादुई ब्रश को देखने आता. पर एक दिन, राजू ने गुस्से में ब्रश घुमाया. काले बादल छा गए, बिजली कड़की और तूफान आ गया. राजू डर गया. उसने समझा कि ब्रश का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए.

तभी, दादी आई और बोली, “हर रंग की अपनी खूबसूरती है, राजू. गुस्से का रंग मत बनाओ, खुशियों के रंग बनाओ.” राजू ने हामी भरी और फिर से हवा में ब्रश घुमाया. इस बार उसने हँसते चेहरे, खिलते फूल और चमकते तारे बनाए. दुनिया खुशियों से भर गई!

प्रश्न:

  1. राजू को जादुई ब्रश किसने दिया?
  2. उस ब्रश से क्या खास काम होता था?
  3. गुस्से में ब्रश घुमाने से क्या हुआ?
  4. दादी ने राजू को क्या समझाया?
  5. आखिर में राजू ने क्या बनाया?

उत्तर:

  1. बूढ़ी दादी ने राजू को जादुई ब्रश दिया.
  2. वह ब्रश हवा में घूमता हुआ रंग बनाता था.
  3. गुस्से में ब्रश घुमाने से काले बादल छा गए, बिजली कड़की और तूफान आ गया.
  4. दादी ने राजू को समझाया कि हर रंग की अपनी खूबसूरती है और गुस्से का रंग नहीं बनाना चाहिए.
  5. आखिर में राजू ने हँसते चेहरे, खिलते फूल और चमकते तारे बनाए. उसने खुशियों के रंग बनाए.

6. Apathit Gadyansh for Class 4:

बच्चो, क्या तुम जानते हो? हमारा घर पृथ्वी अकेला नहीं है! एक बड़े चमकते बॉल के इर्द-गिर्द कई पड़ोसी घूमते हैं, वो सब मिलकर हमारा सौरमंडल बनाते हैं!

बीच में तेजस्वी सूरज राजा की तरह बैठा है, उसकी रोशनी सबको गरमाती है. उसके सबसे नजदीक चट्टानी बुध चक्कर लगाता है, फिर बादलों से ढकी शुक्र बहन आती है. हमारी प्यारी पृथ्वी तीसरे नंबर पर है, हरी-भरी और जिंदगी से भरी!

आगे देखो, लाल लाल मंगल दौड़ता है, उसके दो चांद हैं! वहां क्या होगा, पता नहीं! उसके बाद बारी है बृहस्पति की, सबसे बड़ा ग्रह, धारियां लिए हुए. शनि के छल्ले तो कमाल के हैं, वो एक तेल की बिंदी की तरह घूमते हैं!

अभी और बाकी है! नीला-हरा यूरेनस, बर्फानी नेप्चून और उसके 14 चांद! इतना बड़ा परिवार देखकर मजा नहीं आता? सब सूरज के इर्द-गिर्द घूमते, उनकी अपनी कहानियां लेकर.

तो अगली बार आसमान देखें, ये सब पड़ोसी नजर आ सकते हैं! याद रखना, पृथ्वी हमारा ही घर है, उसकी देखभाल हम सबकी जिम्मेदारी है!

प्रश्न:

  1. सौरमंडल में सबसे महत्वपूर्ण कौन है?
  2. पृथ्वी के सबसे नजदीक कौन से ग्रह हैं?
  3. शनि के लिए क्या खास है?
  4. सौरमंडल में सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है?
  5. हमें पृथ्वी की देखभाल क्यों करनी चाहिए?

उत्तर:

  1. सौरमंडल में सूरज सबसे महत्वपूर्ण है।
  2. पृथ्वी के सबसे नजदीक बुध और शुक्र ग्रह हैं।
  3. शनि के लिए उसके खूबसूरत छल्ले खास हैं।
  4. बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
  5. हमें पृथ्वी की देखभाल इसलिए करनी चाहिए क्योंकि वह हमारा एकमात्र घर है और उस पर ही जीवन संभव है।

7. Apathit Gadyansh for Class 4:

नन्हीं रिया घंटी की आवाज से उछल पड़ी। उसकी आँखें चमक उठीं। आज स्कूल जाने का दिन! बिस्तर छोड़ते ही वह नहा धोकर नाश्ता निपटाने में जुट गई। उसकी बैग तो पहले ही पैक थी, हर किताब और कॉपी अपनी जगह मुस्कुरा रही थी।

स्कूल पहुँचते ही रिया के चेहरे पर और निखार आ गया। रंग-बिरंगे कपड़े पहने बच्चे हर ओर खिलखिलाते दिखे। हवा में किताबों की स्याही और मिट्टी की खुशबू घुलमिली थी। कक्षा में पहुँचकर रिया ने अपनी सबसे अच्छी दोस्त, मीना से गप्पें शुरू कर दीं। दोनों ने ही दिन भर सीखने, खेलने और दोस्तों के साथ मस्ती करने का सपना बुना।

घंटी की खनक के साथ सब अपनी-अपनी जगह बैठ गए। मिस रेखा ने कहानी सुनाई, नए गीत सिखाए और गणित के पहेलियों को सुलझाया। खेल के मैदान में हँसी-ठहाके गूंज उठे। रिया को लग रहा था, जैसे स्कूल एक बड़ा जादुई बगीचा हो, जहाँ हर पल कुछ नया खिलता है।

प्रश्न:

  1. रिया को स्कूल क्यों पसंद है?
  2. स्कूल में रिया को क्या-क्या पसंद है?
  3. कक्षा में मिस क्या-क्या पढ़ाती हैं?
  4. मैदान में बच्चे क्या करते हैं?
  5. रिया स्कूल को किससे तुलना करती है?

उत्तर:

  1. रिया को घंटी बजने पर उछलना, नए दोस्त बनाना, खेलना और सीखना अच्छा लगता है।
  2. रिया को कहानी सुनना, गीत गाना, पहेलियाँ सुलझाना और खेलना अच्छा लगता है।
  3. मिस कहानी सुनाती हैं, गीत सिखाती हैं और गणित पढ़ाती हैं।
  4. मैदान में बच्चे हँसी-ठहाके करते हुए खेलते हैं।
  5. रिया स्कूल को बड़े जादुई बगीचे से तुलना करती है।

8. Apathit Gadyansh for Class 4 in Hindi:

छोटू को अपनी नानी का पुराना मोबाइल बहुत पसंद था। वो बटन दबा कर उसकी झिलमिलाती स्क्रीन निहारता रहता। एक दिन, छोटू ने बटन दबाया तो स्क्रीन रोशनी से भर गई और एक परी सामने आ गई! “नमस्ते,” परी ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं इस जादुई मोबाइल की परी हूँ, क्या तुम्हारी कोई इच्छा है?” छोटू का दिमाग घूम गया। उसने तो हजारों कहानियों में जादू देखा था, मगर असल में कभी नहीं! उसने सोचा, “मैं चिड़िया बनना चाहता हूँ!” परी ने एक छड़ी हिलाई और छोटू एक खूबसूरत नीले पंछी में बदल गया!

वो आकाश में उड़ने लगा, बादलों को छूता, खेतों के ऊपर मंडराता। कितना मज़ा आया! जब शाम होने लगी, छोटू फिर परी के पास आया। “धन्यवाद!” उसने कहा, “मैं फिर लड़का बनना चाहता हूँ।” परी ने ऐसा ही किया। छोटू ने सीखा कि असली खुशी सपनों में नहीं, सच्चे अनुभवों में होती है।

प्रश्न:

  1. क्या छोटू को नानी का पुराना मोबाइल पसंद था?
  2. जादुई मोबाइल की परी ने छोटू की क्या इच्छा पूरी की?
  3. चिड़िया बनकर छोटू ने क्या-क्या किया?
  4. आखिर में छोटू ने क्या सीखा?
  5. इस कहानी का तुम क्या शीर्षक दोगे?

उत्तर:

  1. हाँ, छोटू को नानी का पुराना मोबाइल बहुत पसंद था।
  2. जादुई मोबाइल की परी ने छोटू की चिड़िया बनने की इच्छा पूरी की।
  3. चिड़िया बनकर छोटू ने आकाश में उड़ा, बादलों को छूआ, और खेतों के ऊपर मंडराया।
  4. छोटू ने सीखा कि असली खुशी सपनों में नहीं, सच्चे अनुभवों में होती है।
  5. इस कहानी का मैं “छोटू का जादुई सफर” शीर्षक दूंगा।

9. Apathit Gadyansh for Class 4 in Hindi:

सुबह होते ही माँ की आवाज़ ही मेरी ज़िंदगी का अलार्म है। वो मुस्कुराते हुए कमरे में झाँकते ही मेरी आँखें खुल जाती हैं। तैयार होने में जरा सा लेट हुआ तो माँ हल्के से मेरी ज़ुल्फ़ टटोल देती हैं, और बस, मेरी नींद उड़ जाती है!

स्कूल से लौटूं तो माँ का इंतज़ार रहता है। वो मेरे बस्ते को उतार लेती हैं और थकान पूछती हैं। उनका एक हाथ मेरे सिर पर रहता है, जैसे सारी चिंताएं वहीं खींच लेता है। भूख भी उसी के हाथों से बने खाने से मिटती है। वो ज़रूर कहती हैं, “ज़्यादा खाओ, बड़े हो जाओगे तो दुनिया घूमोगे!”

रात में जब सोने लगता हूँ, माँ की कहानियों का जादू ही मुझे नींद की गोद में सुला देता है। वो परियों, राक्षसों और सुन्दर राजकुमारियों की कहानियां बुनती हैं, और मैं उनकी आवाज़ के साथ सपनों की दुनिया में खो जाता हूँ।

माँ मेरे लिए जादूगरनी है, जो हर मुश्किल का हल जानती है। वो मेरी खुशी, मेरा हौसला, मेरा सबसे बड़ा खज़ाना है!

5 प्रश्न:

  1. सुबह किसकी आवाज़ अलार्म की तरह काम करती है?
  2. माँ ज़ुल्फ़ टटोलने से क्या कर देती है?
  3. घर लौटने पर माँ क्या करती हैं?
  4. रात में सोने से पहले माँ क्या करती हैं?
  5. लेखक माँ को क्यों जादूगरनी कहता है?

उत्तर:

  1. माँ की आवाज़ अलार्म की तरह काम करती है।
  2. माँ ज़ुल्फ़ टटोलने से लेखक की नींद उड़ा देती हैं।
  3. घर लौटने पर माँ लेखक का बस्ता उतारती हैं, थकान पूछती हैं और खाना खिलाती हैं।
  4. रात में सोने से पहले माँ लेखक को कहानियाँ सुनाती हैं।
  5. लेखक माँ को जादूगरनी इसलिए कहता है क्योंकि वो हर मुश्किल का हल जानती है और उसकी खुशी, हौसला और सबसे बड़ा खज़ाना है।

10. Apathit Gadyansh for Class 4th:

गोलू एक छोटा सा बच्चा था। उसका परिवार बड़ा था, जिसमें दादा-दादी, मामा-मामी और उसकी छोटी बहन गुड़िया शामिल थे। सुबह होते ही दादा-दादी मंदिर जाते, मामा काम पर निकलते और गोलू मामी के साथ स्कूल जाता। स्कूल से लौटकर वह गुड़िया के साथ खेलता, कभी लूडो खेलता, कभी पतंग उड़ाता। शाम को सब मिलकर खाना खाते, हंसी-मजाक करते और कहानियां सुनते।

दादा उसे बहादुरी के किस्से सुनाते, दादी पौराणिक कहानियां सुनातीं, मामा मजेदार चुटकुले सुनाते और मामी उसे प्यार से गीत गातीं। गोलू को अपने परिवार से बेहद प्यार था। वह जानता था कि चाहे कुछ भी हो, उसका परिवार हमेशा उसके साथ रहेगा।

प्रश्न:

  1. गोलू का परिवार कैसा था?
  2. सुबह में गोलू का परिवार क्या करता था?
  3. शाम को गोलू और गुड़िया क्या करते थे?
  4. गोलू के दादा उसे क्या सुनाते थे?
  5. गोलू को अपने परिवार से क्यों प्यार था?

उत्तर:

  1. गोलू का परिवार बड़ा और प्यार करने वाला था।
  2. सुबह में दादा-दादी मंदिर जाते थे, मामा काम पर निकलते थे और गोलू स्कूल जाता था।
  3. शाम को गोलू और गुड़िया खेलते थे, खाना खाते थे और कहानियां सुनते थे।
  4. गोलू के दादा उसे बहादुरी के किस्से सुनाते थे।
  5. गोलू को अपने परिवार से इसलिए प्यार था क्योंकि वे हमेशा उसके साथ होते थे और उसे बहुत प्यार करते थे।

11. Apathit Gadyansh for Class 4th:

बापू, गांधी जी को प्यार से सब कहते थे। वह एक ऐसे जादूगर थे, जिनका जादू बिना छड़ी के चलता था। उनकी शक्ति थी सच बोलना और उसपर अटल रहना। अंग्रेजों के राज में जब भारत दुखी था, बापू ने अहिंसा का रास्ता दिखाया। वह कहते थे, बुराई से लड़ने के लिए हथियार की नहीं, हिम्मत की ज़रूरत होती है।

एक बार बापू ट्रेन में सफर कर रहे थे। उस ज़माने में अंग्रेजों के लिए अलग डिब्बे होते थे। बापू ने यह अन्याय सहन नहीं किया। उन्होंने तय किया कि वह उसी डिब्बे में बैठेंगे। टिकट निरीक्षक आया और कहने लगा, “यह डिब्बा सिर्फ अंग्रेजों के लिए है।” बापू शांत से बोले, “मुझे अंग्रेजों से ज़्यादा ज़रूरत है मेरे देश के लोगों को देखने की। इसलिए मैं यहीं बैठूंगा।”

टिकट निरीक्षक गुस्से में था, लेकिन बापू की सच्चाई के आगे उसकी ज़बरदस्ती टिक नहीं सकी। बापू के इस छोटे से विरोध ने एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया। लोगों को अन्याय के खिलाफ बोलने की हिम्मत मिली और भारत आज़ाद हुआ।

बापू सिखाते थे कि झूठ से दुनिया जीतने का दिखावा हो सकता है, लेकिन सच से ही जीत होती है।

सवाल :

  1. बापू को जादूगर क्यों कहा गया है?
  2. बापू ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए क्या हथियार इस्तेमाल किया?
  3. ट्रेन में बापू ने क्या विरोध किया?
  4. बापू के विरोध से क्या हुआ?
  5. बापू ने हमें क्या सिखाया?

जवाब :

  1. बापू सच के बल पर बिना किसी जादू की छड़ी के अंग्रेजों को हराने में सफल हुए, इसलिए उन्हें जादूगर कहा गया है।
  2. बापू ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए हिंसा का नहीं, अहिंसा का रास्ता अपनाया।
  3. बापू ने ट्रेन में अंग्रेजों के लिए बने अलग डिब्बे में बैठने का विरोध किया, क्योंकि यह उनके हिसाब से अन्याय था।
  4. बापू के इस छोटे से विरोध ने लोगों को अन्याय के खिलाफ बोलने की हिम्मत दी और भारत आज़ादी का लम्बा संघर्ष जीत पाया।
  5. बापू ने हमें सिखाया कि झूठ से दुनिया जीतने का दिखावा हो सकता है, लेकिन सच से ही असली और स्थायी जीत होती है।

12. Apathit Gadyansh for Class 4th:

भारत एक ऐसा देश है जो रंगों के झुमके की तरह चमकता है। हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से लेकर समंदर के नीले तटों तक, इसकी खूबसूरती हर किसी को मोह लेती है। यहां रेगिस्तान के सुनहरे रेत भी हैं तो जंगलों का हरा हरा साया भी। भारत की धरती प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों के गौरव से खड़ी है। यहां त्योहारों की धूम हर साल रंग लाती है और हर गली में खुशियों का शोर सुनाई देता है।

यहां के लोग भी उतने ही विविध हैं जितना देश का भूगोल। अलग-अलग भाषाएं बोलते हुए, अलग-अलग परंपराएं मानते हुए, सभी मिलकर एकता का तार बनाते हैं। भारत की संस्कृति तो दुनिया में मशहूर है, संगीत, नृत्य और कला के रूप में इसकी छाप हर जगह दिखती है।

भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम है। यह धर्मनिरपेक्षता की मिसाल है जहां हर धर्म के लोग शांति से रहते हैं। यह मेहनत और लगन का देश है, जहां हर किसी के सपने फलते हैं। यह वीरता और त्याग का देश है, जिसने अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं।

गौरवशाली भारत, हर भारतीय के दिल में बसता है। यह हमारी पहचान है, हमारा गौरव है।

प्रश्न:

  1. भारत कैसा देश है?
  2. भारत में क्या-क्या खूबसूरत चीजें हैं?
  3. भारत के लोग कैसे हैं?
  4. भारत की संस्कृति में क्या खास है?
  5. भारत को गौरवशाली क्यों कहा जाता है?

उत्तर:

  1. भारत रंगों से भरा हुआ, विविधता वाला और खूबसूरत देश है।
  2. भारत में ऊंचे पहाड़, नीले तट, रेगिस्तान, जंगल, प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक इमारतें हैं।
  3. भारत के लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, अलग-अलग परंपराएं मानते हैं, लेकिन एकता में रहते हैं।
  4. भारत की संस्कृति संगीत, नृत्य और कला के रूप में दुनिया में मशहूर है।
  5. भारत अपनी प्राचीन संस्कृति, धर्मनिरपेक्षता, मेहनत, लगन, वीरता और त्याग के कारण गौरवशाली है।

13. Class 4 Unseen Passage in Hindi:

गर्मियों के दिनों में जब सूरज चटक धूप बरसाता है, तब पेड़ों पर लटकते हुए सुनहरे गोले आम के दीदार से मन ललचा उठता है. ये आम के पेड़ किसी जादूगर की तरह आम के छोटे-छोटे फलों को मीठे, रसीले आमों में बदल देते हैं. आम का रंग हरे से पीले, फिर लाल और नारंगी तक जाता है, मानो वो सूरज की रोशनी को अपने अंदर समेट लेता है.

आम सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इसमें विटामिन सी भरपूर होता है, जो हमें बीमारियों से बचाता है. आम का रस पीने से शरीर हल्का महसूस होता है और पाचन क्रिया भी ठीक रहती है.

तो इस गर्मी में आम का जादू जरूर चखिएगा!

प्रश्न:

  1. आम किस मौसम में फलता है?
  2. आम का रंग कैसा होता है?
  3. आम खाने से हमें क्या फायदा होता है?
  4. आम का रस पीने से क्या होता है?
  5. आपको आम क्यों पसंद है?

उत्तर:

  1. आम गर्मियों के मौसम में फलता है.
  2. आम का रंग हरा, पीला, लाल और नारंगी होता है.
  3. आम खाने से हमें विटामिन सी मिलता है, जो हमें बीमारियों से बचाता है.
  4. आम का रस पीने से शरीर हल्का महसूस होता है और पाचन क्रिया भी ठीक रहती है.
  5. मुझे आम इसलिए पसंद है क्योंकि वह बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है.

14. Class 4 Unseen Passage in Hindi:

एक दिन, जंगल में घूमते हुए, मुझे एक अनोखी चिड़िया दिखाई दी। वह इतनी छोटी थी कि मेरी अंगूठे के नाखून से भी छोटी थी! उसके पंख चमकते हरे रंग के थे और चोंच लंबी और पतली थी। वह फूलों के बीच मंडरा रही थी, जैसे एक परी हवा में नाच रही हो.

मैं धीरे से उसकी तरफ बढ़ा. चिड़िया तनिक भी नहीं घबराई। वह फूलों से रस चुस्की रही थी और मुझ पर बड़े-बड़े आँखों से देख रही थी। मैंने ध्यान से देखा तो उसकी चोंच के पास लंबे, पतले तंतु थे. उन तंतुओं से वह फूलों से रस निकाल रही थी!

मैंने उस अनोखी चिड़िया को घंटों देखा और बहुत कुछ सीखा। मैंने जाना कि छोटे से छोटे जीव भी कितने खास होते हैं और प्रकृति में हर किसी का अपना काम होता है।

प्रश्न:

  1. यह अनोखी चिड़िया कैसी दिखती थी?
  2. वह फूलों के बीच क्या कर रही थी?
  3. उसकी चोंच के पास क्या थे?
  4. लेखक ने उस चिड़िया से क्या सीखा?
  5. इस चिड़िया को क्या नाम दिया जा सकता है?

उत्तर:

  1. यह चिड़िया बहुत छोटी थी, हरे रंग के पंखों और लंबी, पतली चोंच के साथ.
  2. वह फूलों से रस चुस्की रही थी.
  3. उसकी चोंच के पास लंबे, पतले तंतु थे, जिनसे वह रस निकालती थी.
  4. लेखक ने सीखा कि छोटे से छोटे जीव भी खास होते हैं और प्रकृति में सभी का अपना काम होता है.
  5. इस चिड़िया का असली नाम हम नहीं जानते, लेकिन उसकी खूबियों के आधार पर उसे “हरी परी,” “रस चुस्की,” या “तंतु वाली चिड़िया” जैसे नाम दिए जा सकते हैं.

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Class 4 Unseen Passage in Hindi

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Apathit Gadyansh in Hindi for Class 4

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By Suman

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